पटना, बिहार – बिहार में BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग) के अभ्यर्थियों द्वारा पेपर लीक मामले के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस की ओर से की गई लाठीचार्ज की घटनाएं सामने आई हैं। प्रदर्शनकारी छात्र परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे, लेकिन पुलिस के कड़े रुख ने इस आंदोलन को हिंसक रूप दे दिया।
पेपर लीक पर छात्रों का गुस्सा
छात्र लंबे समय से BPSC की परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग कर रहे हैं। हालिया पेपर लीक ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है, जिसके चलते छात्र सड़कों पर उतर आए। उन्होंने आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए परीक्षा को रद्द करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कई छात्रों को गंभीर चोटें आईं। वीडियो और चश्मदीदों के अनुसार, पुलिस ने छात्रों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इस घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। छात्रों का कहना है कि सरकार उनकी आवाज को दबाने के लिए अत्याचार कर रही है।
नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
इस घटना पर राजनीतिक दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विपक्ष ने सरकार पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। एक नेता ने कहा, "छात्रों पर इस तरह लाठियां चलाना निंदनीय और शर्मनाक है। यह उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।"
छात्रों की मांग
छात्रों ने साफ कहा है कि वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक परीक्षा रद्द नहीं की जाती और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती। उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं शिक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करती हैं।
सरकार की चुप्पी
घटना के बाद सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस बयान नहीं आया है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने पहले हिंसा शुरू की, जिसके चलते उन्हें बल प्रयोग करना पड़ा।
छात्रों का यह प्रदर्शन राज्य में शिक्षा और परीक्षा प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर एक बड़ा आंदोलन बन सकता है। सरकार पर दबाव बढ़ रहा है कि वह छात्रों की समस्याओं का समाधान करे और दोषियों को सजा दिलाए।
इस घटना ने न केवल शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि प्रशासन की नीतियों पर भी गहरी चोट की है। आने वाले दिनों में यह आंदोलन और तेज होने की संभावना है।