झारखंड की मंत्री कल्पना मुर्मू सोरेन ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पत्र साझा करते हुए झारखंड को 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि की मांग की। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कई बार केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि झारखंड को उसका हक का पैसा दिया जाए, लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।
सोरेन ने कहा, "हमारी सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाओं को शुरू किया है और कई और योजनाएं पाइपलाइन में हैं। लेकिन केंद्र द्वारा बकाया राशि ना देना इस बात को साफ दर्शाता है कि वे झारखंड के विकास को अवरुद्ध करना चाहती हैं।
"कब मिलेगा झारखण्ड को उसका 1 लाख 36 हजार करोड़?
— Kalpana Murmu Soren (@JMMKalpanaSoren) October 1, 2024
हेमन्त सोरेन जी ने कई बार केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि झारखण्ड को उसका हक़ का पैसा दिया जाए, लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार ने इस पर चुप्पी साध रखी है।
हमारी सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाओं को शुरू किया है और कई और योजनाएँ… pic.twitter.com/UdKZb0jsah
उन्होंने आगे बताया कि केंद्र सरकार का यह रवैया झारखंड के लोगों के प्रति असंवेदनशीलता को उजागर करता है। सोरेन ने झारखंड के विकास के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता की मांग करते हुए कहा कि यह समय की मांग है कि केंद्र सरकार झारखंड की वित्तीय जरूरतों को समझे और उसे समर्थन प्रदान करे।
सोशल मीडिया पर उनके इस बयान को व्यापक समर्थन मिल रहा है, और लोगों ने सरकार से मांग की है कि वह झारखंड के विकास में सहायता के लिए तत्पर हो। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुद्दा आगामी विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
झारखंड की विकास योजनाओं के लिए आवश्यक फंडिंग की कमी, राज्य के नागरिकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, और इस पर सरकार की प्रतिक्रिया पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।