हाल ही में करणी सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट करते हुए वर्तमान में क्षत्रियों के कर्तव्यों और समाज के बदलते संदर्भ पर विचार व्यक्त किए। करणी सेना ने अपने संदेश में क्षत्रिय समाज को उड़ता तीर लेने और राजतंत्र के काल्पनिक आदर्शों से परे जाकर वर्तमान समय की वास्तविकता को समझने की सलाह दी। करणी सेना का मानना है कि ब्राह्मण, गाय, और देश की रक्षा के लिए शासन, प्रशासन, और सुरक्षा एजेंसियां हैं। यह समय राजतंत्र नहीं है, बल्कि आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्था है जिसमें हर वर्ग को अपने इतिहास और अस्तित्व को बचाने की आवश्यकता है।
क्षत्रिय उड़ता तीर लेना छोड़ दे, ब्राह्मण, गाय और देश की रक्षा के लिए शासन, प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां है, ये राजतंत्र नहीं है, अपने इतिहास और अस्तित्व बचा लो वही बहुत है, अन्यथा अपना सब कुछ खो दोगे । #जय_क्षत्रिय_धर्म 🙏 pic.twitter.com/N0QuOE5iJy
— Karni Sena (@RRKarniSena) October 26, 2024
करणी सेना ने इस संदर्भ में एक विडियो भी साझा किया, जिसमें उन्होंने धर्म के मुद्दे पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। विडियो में करणी सेना ने कहा कि "धर्म को कभी खतरा था ही नहीं। अगर ऐसा होता, तो महाराणा प्रताप के सेनापति मुसलमान और अकबर के सेनापति हिंदू नहीं होते।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि असल में खतरा धर्म को नहीं, बल्कि कुर्सी को है।
इस संदेश में करणी सेना ने सभी वर्गों से एकता बनाए रखने और इतिहास की सच्चाई को समझने का आग्रह किया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आज के समय में देश और समाज की सुरक्षा के लिए व्यवस्था और सुरक्षा संस्थाएं मुस्तैद हैं। ऐसे में सभी को अपनी संस्कृति और धरोहर की रक्षा पर ध्यान देना चाहिए, ना कि किसी काल्पनिक विचारधारा के पीछे भागना चाहिए।
करणी सेना के इस बयान ने समाज में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ क्षत्रिय समाज के कर्तव्यों को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।