तस्वीर क्रांति कुमार की X पोस्ट से
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर अपने तीखे बयानों के लिए मशहूर क्रांति कुमार ने हाल ही में "ब्राह्मण जींस" की अवधारणा पर एक नया विवाद छेड़ दिया है। X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि "BRAHMIN GENES" की विचारधारा हिंदू समाज की एकता और अखंडता के लिए गंभीर खतरा है।
क्रांति कुमार के अनुसार, ब्राह्मण जींस की यह विचारधारा सावरकर की हिंदुत्ववादी आइडियोलॉजी के विपरीत है। उन्होंने लिखा कि यह अवधारणा मनुस्मृति से प्रेरित है, जो समाज को जाति आधारित विभाजन की ओर धकेलती है। उनका दावा है कि ब्राह्मण जींस के अभियान ने हिंदू समाज में गहरे विभाजन की स्थिति उत्पन्न की है, जिससे हिंदू एकता पर गंभीर असर पड़ा है।
BRAHMIN GENES विचारधारा हिन्दू समाज की एकता और अखंडता के लिए खतरा है.
— Kranti Kumar (@KraantiKumar) October 7, 2024
ब्राह्मण जींस की अवधारणा सावरकर की हिंदुत्ववादी आइडियोलॉजी के विपरीत है. ब्राह्मण जींस की विचारधारा मनुस्मृति के प्रेरित है.
बब्राह्मण जींस हिन्दू एकता को चोट कर चुकी है. BJP को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. अगर… pic.twitter.com/HUPTaQt2Je
उन्होंने आगे कहा, "ब्राह्मण जींस अभियान ने यह साबित कर दिया कि हिंदू समाज एक नहीं है, बल्कि जाति और वर्ण व्यवस्था की अव्यवस्था में बंटा हुआ है।" उनका मानना है कि यह अभियान भारतीय जनता पार्टी (BJP) को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस तरह का विभाजनकारी प्रचार जारी रहा, तो BJP 1980 के दशक की स्थिति में पहुंच जाएगी, जब वह केवल ब्राह्मणों की पार्टी मानी जाती थी।
क्रांति कुमार ने अपने पोस्ट में यह भी उल्लेख किया कि "जो हुआ अच्छा हुआ", क्योंकि ब्राह्मण जींस के अभियान ने हिंदू समाज में मौजूद जातिगत विभाजन को उजागर कर दिया है। उनका मानना है कि इस विचारधारा ने न केवल समाज बल्कि देश की अखंडता और हिंदू एकता पर गहरा प्रहार किया है।
उनके इस बयान ने सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में गर्म चर्चा छेड़ दी है। कई लोग इस बयान का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे हिंदू समाज को बांटने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं। BJP के समर्थकों ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, यह कहते हुए कि क्रांति कुमार का बयान समाज में गैर-जरूरी भ्रम और असंतोष फैलाने वाला है।
अब देखना यह होगा कि क्रांति कुमार के इस बयान का राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर क्या असर पड़ता है, और क्या BJP इस मुद्दे पर कोई ठोस प्रतिक्रिया देती है।