रियाद: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के एक हालिया बयान ने मुस्लिम जगत में खलबली मचा दी है। उनके बयान में उन्होंने फलीस्तीन के मुद्दे को लेकर ऐसा रुख अपनाया है जो अरब और इस्लामिक विश्व में असामान्य माना जा रहा है। क्राउन प्रिंस ने साफ शब्दों में कहा है कि "मुझे फलीस्तीन के मुद्दों से कोई फर्क नहीं पड़ता, और मुझे फलीस्तीन की कोई परवाह नहीं।"
सऊदी अरब ने मुसलमानों को दिया बड़ा झटका!
— Panchjanya (@epanchjanya) September 29, 2024
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने फलीस्तीन के खिलाफ बड़ा बयान दिया है!
"मुझे फलीस्तीन के मुद्दों से कोई फर्क नहीं पड़ता, मुझे फलीस्तीन की कोई परवाह नहीं।"
मक्का और मदीना राजनीति की जगह नहीं है, हम यहां फलीस्तीन के समर्थन… pic.twitter.com/YSbd46aHpB
यह बयान ऐसे समय में आया है जब कई इस्लामी देशों में फलीस्तीन के समर्थन में गतिविधियां चल रही हैं। लेकिन मोहम्मद बिन सलमान का यह रुख सऊदी अरब के लिए एक अलग दिशा दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा, "मक्का और मदीना राजनीति की जगह नहीं हैं, और हम यहां फलीस्तीन के समर्थन में किसी भी प्रकार की गतिविधियों को अनुमति नहीं देंगे।"
सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का और मदीना में फलीस्तीन के समर्थन में किसी भी प्रकार के पोस्टर निकालने या सार्वजनिक रूप से प्रार्थना करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। प्रिंस का यह फैसला मुस्लिम समुदाय के एक बड़े हिस्से में असंतोष पैदा कर सकता है, क्योंकि फलीस्तीन का मुद्दा लंबे समय से इस्लामिक देशों में भावनात्मक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है।
हालांकि, क्राउन प्रिंस के इस बयान के पीछे का मकसद सऊदी अरब की राजनीति और कूटनीति में परिवर्तन के संकेत दे सकता है। यह देखना बाकी है कि मुस्लिम देशों में इस पर कैसी प्रतिक्रिया आती है, और यह बयान अरब-इस्लामिक दुनिया में क्या प्रभाव डालता है।