पटना, बिहार: बिहार की राजनीति में आज एक विवादास्पद घटना ने फिर से हलचल मचा दी है। जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव को बिहार के मोस्ट वांटेड माफिया आनंद मोहन के साथ एक सार्वजनिक कार्यक्रम में देखा गया, जहाँ वे आपस में गले मिल रहे थे और साथ में भोजन कर रहे थे। यह मुलाकात कई सवाल खड़े कर रही है, खासकर उस पृष्ठभूमि में जब आनंद मोहन पर 1994 में गोपालगंज के दलित जिला मजिस्ट्रेट जी. कृष्णैया की हत्या का आरोप है।
पप्पू यादव पर सवाल
समाजवादी विचारधारा के नेता माने जाने वाले पप्पू यादव को बिहार में जनता के मुद्दों के प्रबल समर्थक के रूप में देखा जाता है। हालांकि, इस घटना ने उनके समर्थकों और विपक्षी दलों में खलबली मचा दी है। सोशल मीडिया पर यह तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें पप्पू यादव और आनंद मोहन एक साथ भोजन करते हुए देखे जा सकते हैं।
लोगों का कहना है कि एक तरफ पप्पू यादव सामाजिक न्याय और दलितों के अधिकारों की बात करते हैं, तो वहीं दूसरी ओर वे उस व्यक्ति के साथ गले मिल रहे हैं, जिस पर एक दलित डीएम की हत्या का गंभीर आरोप है।
सांसद पप्पू यादव आज बिहार के मोस्ट वांटेड माफिया आनंद मोहन के साथ खाना खा रहे है गले मिल रहे है ,जबकि आनंद मोहन पर एक दलित DM की हत्या का आरोप है।
— Ajey Patel (@AjeyPPatel) September 27, 2024
मुझे तो नहीं लगता कि,
जिस व्यक्ति के घर आप लोग खाना खा रहे हैं वहां पर दो लोगों के लिए स्टील की थाली नहीं रही होगी।
छुआछूत...👻👻👻 pic.twitter.com/iwTILLPSqs
छुआछूत का विवाद
एक और विवाद जो इस मुलाकात से उठ रहा है, वह है छुआछूत का मुद्दा। पप्पू यादव पर तंज कसते हुए आलोचकों ने कहा कि जिस व्यक्ति के घर वे खाना खा रहे थे, वहाँ क्या दो लोगों के लिए स्टील की थाली नहीं बची होगी? इस तंज ने सामाजिक और जातिगत भेदभाव की ओर इशारा किया, जो भारतीय राजनीति और समाज में एक संवेदनशील विषय है।
कुछ लोगों का मानना है कि पप्पू यादव, जो खुद सामाजिक न्याय और दलितों के मुद्दों पर मुखर रहते हैं, उन्हें ऐसे विवादास्पद व्यक्तियों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। दूसरी तरफ, कुछ समर्थक इस मुलाकात को महज एक सामाजिक घटनाक्रम बताते हुए इसे ज्यादा तूल न देने की बात कह रहे हैं।
आनंद मोहन की पृष्ठभूमि
आनंद मोहन बिहार के कुख्यात अपराधियों में गिने जाते हैं। उन पर गोपालगंज के दलित डीएम जी. कृष्णैया की हत्या का आरोप है। हालांकि, उन्होंने कई बार अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है, लेकिन उनका नाम बिहार के अपराध जगत में काफी चर्चित रहा है।
यह मुलाकात राजनीतिक गलियारों में नए समीकरण पैदा कर सकती है। विपक्षी दल पहले ही इस मुद्दे को उछालने की तैयारी में हैं, ताकि पप्पू यादव को उनके समर्थकों के बीच कमजोर किया जा सके। वहीं, पप्पू यादव ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद पप्पू यादव की छवि और राजनीतिक भविष्य पर क्या असर डालता है, और क्या वे इस मुद्दे पर कोई सफाई देंगे या इसे राजनीति की एक सामान्य घटना बताकर आगे बढ़ जाएंगे।