उड़ीसा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर की बेटी और एक वर्तमान आर्मी ऑफिसर की मंगेतर ने पुलिस थाने में पुलिस अधिकारियों द्वारा अपने साथ हुई बर्बरता की कहानी मीडिया के सामने बयां की। यह घटना उड़ीसा के एक पुलिस स्टेशन में हुई, जहां महिला ने आरोप लगाया कि उसे न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक यातनाओं का भी सामना करना पड़ा।
पीड़िता ने मीडिया को बताया कि पुलिस अधिकारियों ने बिना किसी अपराध के उसे पकड़ लिया, उसका हाथ-पैर बांध दिया, और एक बंद कमरे में डाल दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि एक महिला पुलिस अधिकारी ने उसके बाल पकड़कर जोर-जोर से खींचते हुए उसे मारना शुरू किया। पीड़िता की बार-बार विनती करने के बावजूद, पुलिसकर्मियों ने उस पर अत्याचार जारी रखा और उसे स्टेशन के कॉरिडोर में घसीटा।
घटना का सबसे खौफनाक पहलू तब शुरू हुआ, जब एक मेल पुलिस अधिकारी ने कमरे में प्रवेश किया और पीड़िता पर शारीरिक हमला किया। पीड़िता के अनुसार, अधिकारी ने उसके जैकेट से उसके हाथ बांध दिए और एक महिला कॉन्स्टेबल ने उसके पैरों को भी बांध दिया। इसके बाद मेल अधिकारी ने उसके कपड़े उतारने की कोशिश की और उसे लगातार पीटना शुरू किया। इस हमले में उसने पीड़िता के ब्रा को फाड़ दिया और उसके सीने पर किक मारना शुरू किया।
घटना यहीं नहीं थमी। पीड़िता ने बताया कि शाम के समय एक और वरिष्ठ अधिकारी ने थाने में आकर उसका शारीरिक उत्पीड़न किया। उसने आरोप लगाया कि उस अधिकारी ने उसके कपड़े उतारने की धमकी दी और उसे गंदी हरकतें करने की कोशिश की।
मेरा हाथ पैर बांध दिया गया फिर मुझे एक रूम में डाल दिया गया.... फिर एक ऑफिसर आया उसने मेरे कपड़े.....
— Kavish Aziz (@azizkavish) September 20, 2024
सुनिए इस देश में एक रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर की बेटी और आर्मी ऑफिसर की मंगेतर के साथ उड़ीसा के पुलिस थाने में क्या बर्बरता की गई
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पीड़िता ने जब मदद के लिए चीखने-चिल्लाने की कोशिश की, तो उसे बार-बार धमकाया गया और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। घटना के दौरान पीड़िता ने खुद को बचाने की कोशिश की, लेकिन उसकी हर कोशिश नाकाम रही।
इस घटना के बाद, सोशल मीडिया और देशभर में उड़ीसा पुलिस की इस क्रूरता के खिलाफ गुस्सा फैल गया है। जनता और सोशल कार्यकर्ताओं ने इस मामले की गहन जांच की मांग की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह हमारे समाज के उस हिस्से की ओर भी इशारा करती है, जहां महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और दुर्व्यवहार को गंभीरता से नहीं लिया जाता। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि न्याय व्यवस्था और उड़ीसा सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।
पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच का आदेश
उड़ीसा पुलिस ने इस घटना पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मामले के तूल पकड़ने के बाद राज्य सरकार ने भी इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।
यह घटना एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है, जो कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जिम्मेदारी और उनके कामकाज पर सवाल खड़ा करती है। पीड़िता और उसके परिवार ने न्याय की मांग की है और उम्मीद जताई है कि इस मामले में जल्द ही इंसाफ मिलेगा।
यह घटना हमारे समाज और कानून व्यवस्था के लिए एक गंभीर चेतावनी है। ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए दोषियों को कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी महिला के साथ ऐसा दुर्व्यवहार न हो।