धौलपुर, राजस्थान - 24 अगस्त को धौलपुर जिले की पार्वती नदी में घटी एक घटना ने पूरे क्षेत्र और देश को हिला दिया। स्व. भैरों सिंह गुर्जर, जिन्होंने अपने अदम्य साहस और निस्वार्थ भावना का परिचय देते हुए, एक व्यक्ति की जान बचाने के लिए अपनी जान गंवा दी, अब एक प्रेरणा बन गए हैं।
इस घटना के दिन, दिनेश जाटव नामक एक व्यक्ति पार्वती नदी में डूबने लगा। बिना एक पल की देरी किए, भैरों सिंह गुर्जर ने अपनी जान की परवाह किए बिना, उसे बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी। उन्होंने अपनी बहादुरी से दिनेश को गहरे पानी से बाहर निकाल लिया। लेकिन इस दौरान, भैरों सिंह स्वयं गहरे पानी में फंस गए और दुखद रूप से अपनी जान गंवा बैठे।
ये जो तस्वीर है ये स्व भैरों सिंह गुर्जर की है जिसने गत 24अगस्त को पार्वती नदी धौलपुर राजस्थान मे दिनेश जाटव को डूबते देख उन्हें बचाने के लिए पानी मे कूद पड़े और गहरे पानी से निकालने मे सफल रहे लेकिन फिर खुद गहरे पानी मे फंस गए और डूब कर उनकी मृत्यु हो गयी!राजस्थान सरकार से… pic.twitter.com/R2kRlPKLO7
— Ravindra Bhati Gurjar (@Ravinder_ASPK) September 2, 2024
भैरों सिंह गुर्जर की इस निस्वार्थ बलिदान ने पूरे राजस्थान और देश के लोगों का दिल जीत लिया है। उनके इस साहसिक कार्य के लिए उन्हें शहीद का दर्जा देने और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करने की मांग उठ रही है।
स्थानीय समुदाय और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने राजस्थान सरकार से अनुरोध किया है कि भैरों सिंह गुर्जर के इस बलिदान को सम्मानित किया जाए। उनका मानना है कि ऐसे नायकों की कुर्बानी को मान्यता देना, समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और युवाओं को प्रेरित करने के लिए आवश्यक है।
स्व. भैरों सिंह गुर्जर ने अपने जीवन की अंतिम सांस तक समाज की सेवा और मानवता की रक्षा का उदाहरण पेश किया। उनके इस बलिदान पर न केवल उनके परिवार और समुदाय को, बल्कि पूरे देश को गर्व है। उनके परिवार ने भी उनके इस साहसिक कार्य पर गर्व व्यक्त किया है, लेकिन उन्होंने सरकार से अपने दुख के समय में सहायता की मांग की है।
समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा की जा रही इस मांग को लेकर अब देखना होगा कि राज्य सरकार किस प्रकार प्रतिक्रिया देती है और क्या भैरों सिंह गुर्जर को शहीद का दर्जा देकर सम्मानित किया जाएगा।
यह खबर उन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जो मानवीय मूल्यों और निस्वार्थ सेवा में विश्वास रखते हैं। भैरों सिंह गुर्जर का नाम हमेशा उन नायकों में गिना जाएगा, जिन्होंने दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी।