सवर्ण समाज में कुछ लोग पीछे रह गए कहकर 10% अलग से आरक्षण दे दिया, उसी तरह दलित समाज में उपवर्गीकरण की जगह जो पीछे रह गए 5% अलग से दे दो: प्रो. विवेक कुमार JNU



नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के प्रोफेसर विवेक कुमार ने हाल ही में दिए गए अपने एक वक्तव्य में दलित समाज में उपवर्गीकरण का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सवर्ण समाज के कुछ लोगों को आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण प्रदान किया गया है, उसी प्रकार दलित समाज में जो लोग आर्थिक रूप से पिछड़े हैं, उन्हें भी 5% का अलग से आरक्षण दिया जाना चाहिए।

प्रो. विवेक कुमार का कहना है कि सवर्ण समाज के लिए जब अलग से आरक्षण की व्यवस्था की जा सकती है, तो दलित समाज में भी जो पिछड़े हैं, उन्हें उपवर्गीकरण की बजाय आर्थिक आधार पर अलग से आरक्षण देना चाहिए। उनका मानना है कि उपवर्गीकरण से दलित समाज में विभाजन होगा और यह समाज को और कमजोर करेगा।

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "सवर्ण समाज में कुछ लोगों को 'पीछे रह गए' कहकर 10% अलग से आरक्षण दे दिया गया। तो दलित समाज में जो पीछे रह गए हैं, उन्हें भी 5% का आरक्षण अलग से दे दीजिए।" उनका तर्क है कि दलित समाज में उपवर्गीकरण करना समाज को बांटने का एक प्रयास हो सकता है और यह समाज को नुकसान पहुंचा सकता है।

उपवर्गीकरण से समाज में विभाजन का खतरा

प्रोफेसर कुमार का मानना है कि उपवर्गीकरण से दलित समाज में एकता को ठेस पहुंचेगी। उनका कहना है कि दलित समाज पहले से ही सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है, और ऐसे में उपवर्गीकरण करने से समाज के भीतर वर्गीकरण बढ़ेगा। इससे जो लोग पीछे छूटे हैं, वे और अधिक हाशिए पर चले जाएंगे।

 आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जैसे सवर्ण समाज में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10% आरक्षण प्रदान किया गया, उसी तरह दलित समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए भी 5% आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। इससे उन लोगों को फायदा होगा, जो वाकई में आरक्षण के हकदार हैं और समाज में पिछड़े हुए हैं।

 राजनीतिक मंशा पर सवाल

प्रो. विवेक कुमार ने यह भी संकेत दिए कि कुछ लोग दलित समाज को बांटने की मंशा से उपवर्गीकरण की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह समाज को तोड़ने का एक तरीका हो सकता है, जो दलितों के समग्र विकास में बाधक बनेगा। उनका सुझाव है कि सरकार को इस दिशा में ध्यान देते हुए उपवर्गीकरण के बजाय आर्थिक आधार पर आरक्षण की नीति पर विचार करना चाहिए।

प्रोफेसर विवेक कुमार का यह बयान दलित समाज में उपवर्गीकरण के मुद्दे पर नई बहस को जन्म दे सकता है। उनका कहना है कि उपवर्गीकरण से समाज में दरार पैदा होगी, और इससे बचने के लिए आर्थिक आधार पर आरक्षण देना ज्यादा उचित होगा। उन्होंने सरकार से अपील की है कि वह दलित समाज के पिछड़े वर्गों के लिए समान अवसर प्रदान करने हेतु इस पर विचार करे।

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