बलिया, उत्तर प्रदेश - बलिया के तेलना गांव में एक दलित परिवार ने समाजवादी पार्टी (सपा) नेता शंभू यादव पर उनकी बेटी के अपहरण का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार का दावा है कि शंभू यादव, जो पूर्व सहकारिता चेयरमैन भी रह चुके हैं, ने उनकी बेटी को जबरदस्ती अपने घर ले जाकर कई घंटों तक बंधक बनाए रखा, और बाद में उसे कहीं गुम कर दिया। यह घटना 25 तारीख की शाम की बताई जा रही है।
पीड़िता के बड़े पापा प्रेम प्रकाश गण, जो लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने आए थे, ने इस मामले को विस्तार से बताया। प्रेम प्रकाश ने कहा कि उनकी भतीजी शाम 4 बजे शंभू यादव की बेटी के साथ उनके घर गई थी। लगभग चार-पाँच घंटे तक वह वहां रही, जिसके बाद शंभू यादव और उसके परिवार ने उसे कहीं गुम कर दिया। गांव के कई लोगों ने लड़की को जाते और शंभू यादव के घर से निकलते देखा था, लेकिन जब पीड़िता के परिवार ने इसका विरोध किया, तो उन्हें धमकाया गया।
प्रेम प्रकाश ने बताया कि शंभू यादव का गांव में आतंक फैला हुआ है। उनके अनुसार, शंभू यादव के खिलाफ पहले से कई केस दर्ज हैं, जिसमें हत्या, जमीन पर कब्जा और अन्य आपराधिक गतिविधियां शामिल हैं। प्रेम प्रकाश ने बताया कि शंभू यादव के भाई पर भी बलात्कार और गुंडा एक्ट के मामले दर्ज हैं।
सपा नेता मेरी बेटी " उठा " ले गया ... बचा लो-
— Sudhir Mishra 🇮🇳 (@Sudhir_mish) September 30, 2024
बलिया में "दलित लड़की" को उठा ले गया सपा नेता "शंभू यादव" भाई है गैंगस्टर -
योगी जी से मिलने आया पीड़ित दलित परिवार
37 सीट जीतते ही सपा नेता बौखला गये हैं? pic.twitter.com/gPTaD9vgTO
पीड़ित परिवार ने पुलिस पर भी सवाल उठाए हैं। उनके अनुसार, पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज की है, लेकिन अब तक उचित कार्रवाई नहीं की गई है। परिवार का आरोप है कि पुलिस शंभू यादव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में असफल रही है।
इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार ने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से भी मुलाकात की। मौर्य ने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन परिवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर ही न्याय की गुहार लगा रहा है।
पीड़ित परिवार का कहना है कि उनकी बेटी बालिग है, लेकिन उन्हें डर है कि शंभू यादव और उनके गुंडों ने उसकी जान को खतरे में डाल दिया है। परिवार ने मांग की है कि शंभू यादव और उसके साथियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और उनकी बेटी को सुरक्षित वापस लाया जाए।
परिवार का यह भी आरोप है कि शंभू यादव और उनके भाई गांव की सरकारी जमीन पर भी अवैध कब्जा किए हुए हैं। वे गांव के अन्य कमजोर और दलित परिवारों को भी लगातार परेशान करते रहते हैं।
यह मामला बलिया के तेलना गांव में जातिगत और सामाजिक असमानता की एक और बानगी है, जहाँ एक प्रभावशाली नेता पर एक दलित परिवार की बेटी के अपहरण का आरोप लगा है। पीड़ित परिवार ने योगी सरकार से इस मामले में तत्काल न्याय की मांग की है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन और सरकार इस मामले में कितनी तत्परता से कार्यवाही करती है।