बिहार के मदरसों पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने दावा किया है कि बिहार के कुछ मदरसों में पाकिस्तान से प्रकाशित किताबें पढ़ाई जा रही हैं, जिनमें गैर-मुस्लिमों को 'काफिर' कहा गया है।
प्रियांक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए जानकारी दी कि 'तालीमुल इस्लाम' जैसी किताबों का इस्तेमाल इन मदरसों में हो रहा है, जिसमें गैर-मुस्लिमों को 'काफिर' बताया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार में सरकारी अनुदान प्राप्त मदरसों में इस प्रकार की किताबें पढ़ाई जा रही हैं, जो चिंताजनक है।
बिहार से बेहद चौंकाने वाली खबर!
— Panchjanya (@epanchjanya) August 19, 2024
बिहार के मदरसों में पढ़ाए जा रहे पाकिस्तानी किताब!
हिन्दुओं को बताया जा रहा है काफिर, मदरसे के बच्चों के दिमाग में भरा जा रहा है जहर!
"तालिमुल इस्लाम" किताब का इस्तेमाल इन मदरसों में हो रहा है, इस किताब में गैर मुस्लिमों को काफिर कहा गया है।त… pic.twitter.com/cKVeFKcvP2
कानूनगो ने बिहार सरकार पर आरोप लगाया कि मदरसों में हिंदू बच्चों के नामांकन की संख्या के बारे में सही जानकारी छिपाई जा रही है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि मदरसों में हिंदू बच्चों का भी दाखिला हो रहा है, जबकि इनकी तादाद के बारे में सरकार आधिकारिक आंकड़े नहीं दे रही है।
कानूनगो ने कहा कि मदरसा बोर्ड ने दावा किया है कि इन मदरसों का पाठ्यक्रम यूनिसेफ इंडिया द्वारा तैयार किया गया है। इस पर कानूनगो ने यूनिसेफ इंडिया और मदरसा बोर्ड पर भी आरोप लगाए कि वे तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं और उन्होंने यूनिसेफ द्वारा तैयार किए गए पाठ्यक्रम को लेकर भी सवाल उठाए।
प्रियांक कानूनगो ने यह भी कहा कि इन मदरसों में पढ़ाई जाने वाली कई किताबें पाकिस्तान से प्रकाशित हैं और उनकी विषय-वस्तु पर जांच चल रही है। उन्होंने इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी की भी मांग की और कहा कि हिंदू बच्चों को मदरसों में नहीं होना चाहिए, उन्हें स्कूलों में शिक्षा मिलनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने मदरसा बोर्ड को भंग करने की भी मांग की।
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