अयोध्या से एक विवादास्पद खबर सामने आई है। नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई है। यह शिकायत तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगदगुरु परमहंस आचार्य द्वारा कोतवाल अयोध्या को दी गई है। इस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि चंद्रशेखर आजाद ने एससी-एसटी कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संविधान के खिलाफ बताया, जो न्यायपालिका और संविधान दोनों के प्रति अविश्वास उत्पन्न करने वाला है।
जगदगुरु परमहंस आचार्य ने अपने बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट संविधान का संरक्षक है और इसे गलत ठहराना एक गंभीर अपराध है। उन्होंने मांग की है कि भीम आर्मी के चीफ और सांसद चंद्रशेखर के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आंदोलन करना सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है, और जो ऐसा करता है, उसे देश का नागरिक बने रहने का अधिकार नहीं है।
अयोध्या महंत परमहंस आचार्य ने भीम आर्मी चीफ और सांसद चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ अयोध्या कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी है।
— Ambedkarite People's Voice (@APVNews_) August 22, 2024
मंहत ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय संविधान का संरक्षक है, इसे ही गलत ठहराना पूरी तरह अपराध है। इसके लिए भीम आर्मी के चीफ और सांसद चंद्रशेखर के… pic.twitter.com/r43Nxe55xO
दरअसल, 21 अगस्त को देशभर में भारत बंद का आह्वान किया गया था। यह बंद सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण के मामले में दिए गए फैसले के खिलाफ किया गया था। चंद्रशेखर आजाद के बयान को लेकर जगदगुरु परमहंस आचार्य ने आशंका जताई है कि इससे देश में अराजकता फैल सकती है और न्यायपालिका के प्रति जनता का विश्वास कम हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रदर्शनों से बचना चाहिए और यदि किसी को फैसला गलत लगता है, तो पुनर्विचार याचिका दाखिल की जानी चाहिए।
जगदगुरु परमहंस आचार्य ने साफ तौर पर कहा कि चंद्रशेखर आजाद के बयान से वे आहत हैं। उनका मानना है कि जो व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान नहीं करता, उसे भारत का नागरिक कहलाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने देश में कानून और संविधान की मर्यादा बनाए रखने की अपील की है, और कहा कि इस मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि न्यायपालिका और संविधान के खिलाफ किसी भी प्रकार की अवमानना को रोका जा सके।