जनपद सुल्तानपुर के लंभुआ स्थित स्वामी विवेकानंद शिक्षण संस्थान में एक छात्रा से 4500 रुपये की रिश्वत मांगी गई। सरकार की 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' योजना के अंतर्गत भेजे गए मोबाइल फोन को लेने गई इस छात्रा को, रिश्वत न देने पर डांट-डपट कर भगा दिया गया। यह घटना सरकार की योजनाओं और जमीनी हकीकत के बीच की खाई को उजागर करती है।
छात्रा की इस दुःखद स्थिति को देखते हुए, परिजनों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्विटर पर इस घटना की जानकारी दी है। ट्वीट में उल्लेख किया गया है कि सरकार द्वारा भेजे गए मोबाइल फोन को प्राप्त करने के लिए 4500 रुपये की रिश्वत मांगी जा रही है। जब छात्रा ने इस राशि को देने से मना कर दिया, तो उसे संस्थान से डांट-डपट कर भगा दिया गया।
सरकार कहती है बेटी पढ़ाओ लेकिन कैसे ? ये स्थिति जनपद सुल्तानपुर लंभुआ के स्वामी विवेकानंद शिक्षण संस्थान की है। बिटिया सरकार द्वारा भेजा गया अपना मोबाइल फ़ोन लेने गई थी। 4500 रुपये माँगे गए न देने पर डाँट कर भगा दिया गया। @myogiadityanath जी ये वास्तविक स्थित है। @Abhinav_Pan pic.twitter.com/ORhOWnF2C2
— Ritesh Rajwada (@riteshrajwada) July 18, 2024
इस घटना ने सरकारी योजनाओं की सच्चाई को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। सरकार द्वारा बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही योजनाएं, जब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने लगें, तो आम जनता का विश्वास कैसे कायम रहेगा?
छात्रा के परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस घटना से जुड़े अन्य मामलों को भी उजागर करने की मांग की गई है ताकि अन्य छात्राओं को इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
छात्रा के साथ हुए इस अमानवीय व्यवहार ने पूरे जिले में रोष फैलाया है। लोग यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि जब सरकार की योजनाएं ही भ्रष्टाचार के चलते ध्वस्त हो रही हैं, तो आम जनता की उम्मीदें कैसे पूरी होंगी? इस मामले ने प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है। जनता अब सरकार से यह उम्मीद कर रही है कि वह इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई करेगी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएगी।